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Many talk about the lack of resources for their failures and make many different excuses. But whenever we What is the specialty of those who are waving the ultimate of success?
They are successful because they dream big dreams and do one day to complete them.
The famous eleven President of the country and the famous Missile Man in the world, Abdul Kalam was born on 15 October 1931 in Dhanushkodi village (Rameswaram, Tamil Nadu) in a middle-class Muslim family. His father Jainulabadin was neither more educated nor money-rich. His father used to rent boat to fishermen.
Abdul Kalam lived in a joint family. The family member’s numbers can be estimated from the fact that he himself had five brothers and five sisters and used to have three families in the house.
His father had a great influence on the life of Abdul Kalam. Although he was not well educated, his passion and his rendition of Abdul Kalam had a lot of work to do.
In 1962 he came to the Indian Space Research Organization (ISRO).
Dr. Abdul Kalam was credited with making India’s first indigenous satellite (SLV III) missile as Project Director. In 1980, he established the Rohini satellite near the Earth’s orbit. In this way India also became a member of the International Space Club.
It is also credited for providing licenses to the ISRO Launch Vehicle Program. Dr. Kalam also designed the indigenous target pierced (guided missiles).
They made missiles like fire and earth from indigenous technology. Dr. Kalam was the Secretary of Science of Defense Minister and secretary of Security Research and Development Department from July 1992 to December 1999.
कई तो अपने असफलताओं के लिए साधनों के अभाव की बात करते हैं और कई तरह के बहने बनाते हैं।
लेकिन कभी भी सोचा है कि जो सफलता के परचम लहराते हैं, क्या क्या ख़ासियत होता है?
वे सफल होते हैं क्योंकि बड़े सपने देख रहे हैं और उन्हें पूरा करने के लिए रात का दिन एक कर रहे है
देश के ग्यारहवें राष्ट्रपति और दुनिया में मिसाइल मैन के नाम के प्रसिद्ध अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलाब्दीन न तो ज़्यादा पढ़े-लिखे थे आैर न ही पैसे वाले। उनके पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे।
अब्दुल कलाम संयुक्त परिवार में रहते थे। परिवार की सदस्य संख्या का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि वह स्वयं पाँच भाई एवं पाँच बहन थे और घर में तीन परिवार रहा करते थे।
अब्दुल कलाम के जीवन पर उनके पिता का बहुत प्रभाव रहा। वे भले ही पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन उनकी लगन और उनके दिए संस्कार अब्दुल कलाम के बहुत काम आए।
1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(Indian Space Research Organisation, ISRO) में आये। डॉक्टर अब्दुल कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (एस.एल.वी. तृतीय) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल हुआ। 1980 में उन्होंने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया था। इस प्रकार भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया।
- इसरो लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को परवान चढ़ाने का श्रेय भी उन्हें प्रदान किया जाता है। डॉक्टर कलाम ने स्वदेशी लक्ष्य भेदी (गाइडेड मिसाइल्स) को भी डिजाइन किया। उन्होंने अग्नि एवं पृथ्वी जैसी मिसाइल्स को स्वदेशी तकनीक से बनाया था। डॉक्टर कलाम जुलाई 1992 से दिसम्बर 1999 तक रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव थे।